भारत में आतंकवाद से निपटना: कारण, फंडिंग और समाधान

❓ प्रश्न:
आतंकवाद का संकट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है। इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए आप क्या समाधान सुझाते हैं? आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
✅ उत्तर:
आतंकवाद डर, भय और हिंसा के माध्यम से अपने उद्देश्यों की पूर्ति का एक तरीका है। ISIS के उदय के बाद से आतंकवाद को नियंत्रित करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
🔍 आतंकवाद से निपटने के उपाय:
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आतंकवाद की व्यापक और वस्तुनिष्ठ परिभाषा तय करना अत्यंत आवश्यक है। छोटी घटनाएं जो भविष्य में आतंकवाद को जन्म देती हैं, उन्हें भी आतंकवाद की श्रेणी में लाना चाहिए।
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सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए:
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सीमाओं की निगरानी को आधुनिक बनाना।
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पूरे देश में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क लागू करना ताकि अपराध और आतंकवाद की वास्तविक समय में निगरानी की जा सके।
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हथियारों की तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण।
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कानूनों को अधिक सख्त बनाया जाना चाहिए:
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आतंकवाद के मामलों में ज़मानत नहीं मिलनी चाहिए।
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डिजिटल दुनिया की निगरानी के लिए प्रभावी कानून बनाए जाने चाहिए क्योंकि आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों के निशान वहीं छोड़ते हैं।
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सामाजिक पहल भी ज़रूरी है:
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समाज का विकेन्द्रीकरण (Deradicalization) किया जाना चाहिए।
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युवा और शैक्षणिक संस्थानों को इस अभियान का केंद्र बनाया जाए।
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प्रशासन और राजनीति का सही अर्थों में धर्मनिरपेक्षीकरण होना चाहिए।
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💰 आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमुख स्रोत:
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बाहरी स्रोत (External sources) – कुछ राष्ट्र आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराते हैं।
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हथियार उद्योग – कई बार आतंकवाद को जीवित रखने के लिए कुछ हथियार कंपनियों पर भी वित्तपोषण के आरोप लगे हैं।
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मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स हेवन्स – पनामा पेपर्स में भी आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रमाण मिले थे।
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नकली मुद्रा (Fake Currency) – आतंकवाद के लिए नकली नोटों का बड़ा उपयोग होता है।
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नशा तस्करी, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी और वसूली (Extortion) – ये भी बड़े स्रोत हैं।
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वन्यजीव उत्पादों का अवैध व्यापार – अब आतंकवादी संगठन इससे भी धन जुटा रहे हैं।
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डिजिटल माध्यमों से फंडिंग – सभी संसाधनों को डिजिटल माध्यम से लॉन्डर कर आतंकी संगठनों तक पहुँचाया जाता है।