सिक्किम में तीस्ता-3 बांध के पुनर्निर्माण के प्रमुख कारण क्या थे तथा डिजाइन में क्या प्रमुख परिवर्तन प्रस्तावित हैं?

सिक्किम में तीस्ता-3 बांध पुनर्निर्माण: कारण और प्रमुख डिज़ाइन परिवर्तन
तीस्ता-3 बांध, सिक्किम की एक महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना है, जिसे एक हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) के कारण गंभीर क्षति हुई। इस आपदा से बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान हुआ और बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया गया। इसने एक अधिक मजबूत और आपदा-प्रतिरोधी डिज़ाइन की आवश्यकता को रेखांकित किया।
पुनर्निर्माण के प्रमुख कारण
1. बाढ़ क्षति
- हिमनद झील विस्फोट बाढ़ (GLOF) के कारण तीस्ता-3 बांध नष्ट हो गया, जिससे 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई।
- इस आपदा ने चट्टान-कंक्रीट संरचना की कमजोरियों को उजागर किया।
- सेंट्रल वाटर कमीशन (CWC) के अनुसार, बढ़ते जलवायु जोखिमों से निपटने के लिए मजबूत बाढ़ प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता है।
2. जलविद्युत पर निर्भरता
- सिक्किम की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना के रूप में, तीस्ता-3 राज्य के ऊर्जा बुनियादी ढांचे के लिए महत्वपूर्ण है।
- नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) इसे भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का एक आवश्यक हिस्सा मानता है।
3. संरचनात्मक विफलताएं
- पिछली स्पिलवे क्षमता बड़ी बाढ़ प्रवाह को संभालने में असमर्थ थी।
- इस वजह से भारी डाउनस्ट्रीम क्षति हुई, जिससे एक बेहतर बाढ़ प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता स्पष्ट हुई।
- द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, यदि पूर्व नियोजन बेहतर होता, तो इन विफलताओं से बचा जा सकता था।
तीस्ता-3 बांध में प्रमुख डिज़ाइन परिवर्तन
✔ पूर्ण कंक्रीट संरचना – चट्टान-कंक्रीट मिश्रण को हटाकर पूर्ण कंक्रीट डिज़ाइन अपनाया जा रहा है ताकि मजबूती बढ़ाई जा सके।
✔ बढ़ी हुई स्पिलवे क्षमता – इसे 7,000 m³/s से बढ़ाकर 19,946 m³/s किया गया है, जिससे बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
✔ अर्ली वार्निंग सिस्टम – एक नया ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली बाढ़ के जोखिम को पहले से पहचानने में मदद करेगी।
✔ "सबसे खराब स्थिति" योजना – अगले 100 वर्षों के अधिकतम वर्षा अनुमानों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया, जो IPCC जलवायु परिवर्तन प्रभाव अध्ययन के अनुरूप है।
✔ नियंत्रण कक्ष स्थानांतरण – बाढ़ के दौरान परिचालन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे ऊंचे स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
निष्कर्ष
तीस्ता-3 बांध पुनर्निर्माण का उद्देश्य बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना, आपदा प्रबंधन में सुधार करना और जलविद्युत स्थिरता सुनिश्चित करना है। ये परिवर्तन भविष्य में विफलताओं को रोकने और सिक्किम की ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखने के लिए किए गए हैं।
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