प्रश्न: भारत और बांग्लादेश के बीच जल बंटवारे की व्यवस्था सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) का उदाहरण कैसे बन सकती है? (150 शब्द, 10 अंक)

1. साझा संस्थागत तंत्र
-
संयुक्त नदी आयोग (JRC):
यह नियमित संवाद का एक मंच है (जैसे – मार्च 2025 की कोलकाता बैठक)।
यह तकनीकी पारदर्शिता और भागीदारी आधारित निर्णय प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
2. साझा लक्ष्य और साझा संसाधन
-
जल सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा:
गंगा, तीस्ता और फेनी नदियों का संयुक्त प्रबंधन संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करता है। -
उपधारावाहिक हितों का समाधान:
संधि के तहत सूखे मौसम में बांग्लादेश को न्यूनतम जल प्रवाह का आश्वासन मिलता है, जिससे ऊपर-नीचे धाराओं के अधिकारों में संतुलन बना रहता है।
3. क्षेत्रीय विश्वास निर्माण
-
अंतर्राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉडल:
यह संधि भारत की आंतरिक संघीय जल साझाकरण प्रणाली (जैसे कावेरी ट्राइब्यूनल) के अनुरूप है।
यह दक्षिण एशिया में सीमापार नदी प्रशासन के लिए सहकारी संघवाद को मजबूती देती है।
निष्कर्ष:
ऐसी व्यवस्थाएँ केवल संधियाँ नहीं हैं, बल्कि ये साझा जिम्मेदारी, विश्वास और लोकतांत्रिक संवाद के सिद्धांतों को दर्शाती हैं—जो सहकारी संघवाद का मूल हैं।