उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: सी.पी. राधाकृष्णन बनाम सुधर्शन रेड्डी – आंकड़ों की तस्वीर

भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला अब दो दिग्गजों के बीच है — सी.पी. राधाकृष्णन, जो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, और बी. सुधर्शन रेड्डी, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जिन्हें विपक्षी INDIA गठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
यह चुनाव लगभग दो महीने बाद हो रहा है जब जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दिया।
चुनावी कॉलेज – उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट डालता है?
- उपराष्ट्रपति चुनाव का चुनावी कॉलेज लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों से मिलकर बनता है।
- कुल मिलाकर 788 सदस्य शामिल होते हैं (543 लोकसभा से और 245 राज्यसभा से)।
- राज्यसभा के 12 नामांकित सदस्य भी वोट डालने के पात्र होते हैं।
- वर्तमान में 781 सदस्य मतदान करेंगे क्योंकि राज्यसभा की छह और लोकसभा की एक सीट खाली है।
मतदान गुप्त मतपत्र प्रणाली के तहत होता है और विजेता बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 384 वोट हासिल करने होते हैं।
राजनीतिक समीकरण: NDA बनाम INDIA गठबंधन
- NDA (YSR कांग्रेस पार्टी को छोड़कर) के पास 425 सांसदों का समर्थन है, जो सी.पी. राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान करेंगे।
- विपक्षी INDIA गठबंधन के पास लगभग 324 सांसदों का समर्थन है, जो सुधर्शन रेड्डी के पक्ष में मतदान करेंगे।
- 14 सांसद मतदान से दूर रहेंगे, जिनमें बीजू जनता दल (BJD – 7 सांसद), भारत राष्ट्र समिति (BRS – 4 सांसद), शिरोमणि अकाली दल (SAD – 1 सांसद) और दो निर्दलीय सांसद (अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा) शामिल हैं।
इस तरह आंकड़े NDA उम्मीदवार के पक्ष में हैं, हालांकि जीत का अंतर पिछले उपराष्ट्रपति चुनावों की तुलना में कम रहने की संभावना है।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 – मुख्य तथ्य
- मतदान की तिथि: 9 सितंबर 2025
- समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
- स्थान: नया संसद भवन, वसुधा हॉल (पहली बार यहाँ मतदान हो रहा है)
- परिणाम घोषणा: 9 सितंबर 2025 को मतदान के बाद
दांव पर क्या है?
भारत के उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष भी होते हैं। ऐसे में यह चुनाव केवल राजनीतिक ही नहीं बल्कि संवैधानिक और प्रतीकात्मक दृष्टि से भी अहम है।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 पूरे देश की नज़र में है।
एक ओर सी.पी. राधाकृष्णन को NDA का मज़बूत संख्याबल हासिल है, तो दूसरी ओर सुधर्शन रेड्डी विपक्ष की एकजुटता का चेहरा हैं।
इस चुनाव का नतीजा न केवल NDA की संसदीय ताकत बल्कि INDIA गठबंधन की एकजुटता की क्षमता का भी इम्तिहान साबित होगा।