शहरी विकास में भारत के सामने कौन सी प्रमुख चुनौतियाँ हैं, और विश्व शहरी मंच में भागीदारी इन मुद्दों के समाधान में कैसे मदद कर सकती है? (15 अंक, 250 शब्द)

शहरी विकास में चुनौतियाँ
आवास की कमी:
तेज़ी से बढ़ते शहरी प्रवास के कारण आवास की भारी कमी हो गई है, जिसमें 17% से अधिक शहरी आबादी झुग्गियों में रह रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) इस संकट का समाधान प्रदान करने के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराती है।
बुनियादी ढांचे पर अधिक बोझ:
अतिभारित परिवहन प्रणाली, जल आपूर्ति और कचरा प्रबंधन शहरी कार्यक्षमता को बाधित करते हैं और नवाचारपूर्ण समाधानों की आवश्यकता है।
जलवायु संवेदनशीलता:
तेज़ी से अनियोजित शहरीकरण के कारण शहरी क्षेत्रों को बाढ़, बढ़ते तापमान और खराब वायु गुणवत्ता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वित्तीय और नीति अंतराल:
अपर्याप्त वित्तीय संसाधन और टूटी-फूटी शहरी योजना बड़े पैमाने पर शहरी विकास पहलों को सीमित करती हैं।
वर्ल्ड अर्बन फोरम की संभावित भूमिका
ज्ञान साझा करना:
भारत में आवास, परिवहन और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वैश्विक शहरी परियोजनाओं से सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करना।
नीति सहयोग:
प्रवास और असमानता की चुनौतियों को हल करने के लिए सफल शहरी नीतियों वाले देशों से सीखना।
तकनीकी अपनाना:
बेहतर संसाधन प्रबंधन और योजना के लिए GIS जैसी वैश्विक शहरी तकनीकों से परिचित होना।
शहरी विकास की रणनीतियाँ
सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करना:
निजी निवेश को प्रोत्साहित करना ताकि स्मार्ट अवसंरचना और आवास परियोजनाओं को वित्त पोषित किया जा सके।
टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करना:
मेट्रो शहरों पर दबाव कम करने के लिए छोटे शहरों में बुनियादी ढांचे को विकसित करना।
सतत विकास उपाय:
नवीकरणीय ऊर्जा, कचरे से ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं और जलवायु-लचीले शहरी डिज़ाइनों को एकीकृत करना।
वर्ल्ड अर्बन फोरम में वैश्विक सहयोग के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान करके, भारत सतत शहरी विकास को सुनिश्चित कर सकता है और अपने विकासात्मक उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है।
FAQs
1. PMAY भारत में आवासीय संकट को कैसे कम करता है?
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को किफायती आवास प्रदान करती है, जिससे शहरी झुग्गी आबादी कम होती है और सभी के लिए आवास सुनिश्चित होता है।
2. भारतीय शहरों में बुनियादी ढांचे की सबसे बड़ी चुनौतियाँ क्या हैं?
भारत को परिवहन भीड़, अपर्याप्त कचरा प्रबंधन और खराब जल आपूर्ति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो शहरी विकास को बाधित करती हैं।
3. भारत शहरी क्षेत्रों में जलवायु जोखिमों को कैसे संबोधित कर रहा है?
हरे-भरे बुनियादी ढांचे, बाढ़-रोधी डिज़ाइनों और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को अपनाकर भारत शहरी जलवायु अनुकूलता को बढ़ावा दे रहा है।
4. वर्ल्ड अर्बन फोरम भारत के शहरीकरण में क्या भूमिका निभाता है?
वर्ल्ड अर्बन फोरम वैश्विक सहयोग, नीति विनिमय और शहरी विकास के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने की सुविधा प्रदान करता है।
5. सार्वजनिक-निजी भागीदारी शहरी विकास को कैसे सुधार सकती है?
निजी निवेश द्वारा वित्त पोषित स्मार्ट अवसंरचना परियोजनाएँ शहरी विकास को गति प्रदान कर सकती हैं और सतत विकास को सुनिश्चित कर सकती हैं।